आज यूँ ही बैठे बैठे याद उनकी चली आयी है।
फिर मुसकुराहट वो प्यारी लौटी है,
फिर आँख मेरी भर आयी है।
यूँ तो नज़र में रहता है उनका चेहरा हर पहर,
बात भी दिल में होती है उनसे शाम सहर।
मग़र आज शायद बात कुछ ख़ास हो आयी है,
ज़िक्र उनका कुछ ख़ास हुआ है दिल की गहराई में
जो आज यूँ ही बैठे बैठे याद उनकी चली आयी है।
फिर मुसकुराहट वो प्यारी लौटी है,
फिर आँख मेरी भर आयी है।
आँख मेरी भर आयी है।।