May 4, 2020

आज यूँ ही

आज यूँ ही बैठे बैठे याद उनकी चली आयी है।
फिर मुसकुराहट वो प्यारी लौटी है,
फिर आँख मेरी भर आयी है।
यूँ तो नज़र में रहता है उनका चेहरा हर पहर,
बात भी दिल में होती है उनसे शाम सहर।
मग़र आज शायद बात कुछ ख़ास हो आयी है,
ज़िक्र उनका कुछ ख़ास हुआ है दिल की गहराई में
जो आज यूँ ही बैठे बैठे याद उनकी चली आयी है।
फिर मुसकुराहट वो प्यारी लौटी है,
फिर आँख मेरी भर आयी है।
आँख मेरी भर आयी है।।

February 14, 2020

ये अधूरा सा जहाँ

तुमसे बिछड़े हम जो कल, मिल सकें फिर कहाँ।

साथ बीते थे जो पल, अब नहीं, पर कशिश उनकी बाक़ी है।
साथ बीते थे जो, कुछ पल, चाह उनकी अब भी बाक़ी है।
महक साथ बीते हुए हर पल की, हर तरफ़ बाक़ी है।

पर हो नहीं जो इसमें तुम, है अधूरा बहुत ये जहाँ!
तुमसे बिछड़े हम जो कल, मिल सकें फिर कहाँ।

परे हमसे बहुत हो तुम, है अधूरा बहुत ये जहाँ!